नेटवर्क टोपोलॉजी क्या है?
नेटवर्क टोपोलॉजी कंप्यूटर नेटवर्क में डिवाइसेस की संरचना या व्यवस्था को कहते हैं, जिससे यह पता चलता है कि डेटा एक डिवाइस से दूसरे तक कैसे पहुँचता है।
इसका उपयोग अनेक कंप्युटर नेटवर्क की समय , लागत , जटिलता ,को देखते हुए इस नेटवर्क टोपोलॉजी का निर्माण किया गया है |
जिसमे टोपोलॉजी को निम्न प्रकार से दर्शाया गया है -
- Linear or Bus Topology
- Circular or Ring Topology
- Star⭐✨ Topology
- Graph Topology
- Mesh Topology
- Completely connected Network
मुख्य प्रकार:
1. Bus Topology (बस टोपोलॉजी)
सभी डिवाइसेस एक ही केबल (बस) से जुड़ी होती हैं। डेटा इस लाइन के माध्यम से ट्रैवल करता है।
- फायदे:
- कम लागत में स्थापित होती है
- कम केबल की आवश्यकता
- सीमाएं:
- केंद्रीय केबल फेल होने पर पूरा नेटवर्क बंद
- डेटा ट्रैफिक बढ़ने पर प्रदर्शन कम
2. Ring Topology (रिंग टोपोलॉजी)
सभी डिवाइसेस रिंग संरचना में जुड़ी होती हैं। डेटा एक दिशा में घूमता है।
- फायदे:
- डेटा का अनुशासित फ्लो
- डेटा ट्रैफिक टकराता नहीं
- सीमाएं:
- एक डिवाइस फेल होने पर पूरा नेटवर्क प्रभावित
- रखरखाव कठिन
3. Star Topology (स्टार टोपोलॉजी)
हर डिवाइस एक केंद्रीय हब से जुड़ा होता है। सबसे ज्यादा उपयोग की जाने वाली टोपोलॉजी।
- फायदे:
- प्रबंधन और समस्या निवारण आसान
- एक डिवाइस फेल होने पर अन्य प्रभावित नहीं होते
- सीमाएं:
- हब फेल हो जाए तो पूरा नेटवर्क बंद
- अधिक केबलिंग की आवश्यकता
4. Mesh Topology (मेश टोपोलॉजी)
प्रत्येक डिवाइस अन्य सभी डिवाइसेस से जुड़ी होती है।
- फायदे:
- उच्च विश्वसनीयता और फॉल्ट टॉलरेंस
- डेटा ट्रैफिक समस्या नहीं होती
- सीमाएं:
- बहुत महंगी और जटिल
- ज्यादा केबल की आवश्यकता
5. Tree Topology (ट्री टोपोलॉजी)
स्टार और बस टोपोलॉजी का मिश्रण। हायरेरकली व्यवस्था होती है।
- फायदे:
- स्केलेबल और बड़े नेटवर्क के लिए उपयुक्त
- सेगमेंटेशन आसान
- सीमाएं:
- प्रबंधन कठिन और जटिल
- मुख्य केबल फेल होने पर कई डिवाइस बंद हो सकते हैं
निष्कर्ष:
हर टोपोलॉजी के अपने फायदे और सीमाएं होती हैं। नेटवर्क डिजाइन करते समय जरूरत और बजट के अनुसार सही टोपोलॉजी का चयन करना चाहिए।