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Server Network Concept

सर्वर नेटवर्किंग

नेटवर्क से जुड़े कंप्यूटर क्लाइंट और सर्वर का प्रयोग कर दुनिया भर में एक दूसरे को डाटा ट्रांसफर करते हैं | वह कंप्यूटर जो किसी नेटवर्क के स्त्रोतों जैसे प्रोग्राम और डाटा को व्यवस्थित करते हैं और एक केंद्रीय स्टोरेज एरिया उपलब्ध कराता है , सर्वर कहलाता है |

वह कंप्यूटर जो इस स्टोरेज एरिया को प्राप्त कर प्रोग्राम या डाटा लेना चाहते हैं , क्लाइंट कहलाता है |



इंटरनेट पर एक क्लाइंट जो कई सारे सरवर के फाइलों और प्रोग्रामों को एक्सेस कर सकते हैं, होस्ट दूसरे सरवर होस्ट कंप्यूटर कहलाता है |

वह कंप्यूटर जो इस स्टोरेज एरिया को प्राप्त कर प्रोग्राम या डाटा लेना चाहते हैं , क्लाइंट कहलाता है |

इंटरनेट पर एक क्लाइंट जो कई सारे सरवर के फाइलों और प्रोग्रामों को एक्सेस कर सकते हैं, होस्ट दूसरे सरवर होस्ट कंप्यूटर कहलाता है |


इसे हम अलग अलग तरीके से समझ सकते हैं :-

2.1 सर्वर :-

सर्वर एक मुख्य कंप्यूटर या सॉफ्टवेयर होता है जो एक केंद्रीय कंप्यूटर के रूप में कार्य करता है एवं Client को अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं | Server की क्षमता सामान्य कंप्यूटर की तुलना में अधिक होती है, सरवर पर काफी साधन उपलब्ध रहते हैं ,सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर साधनों जैसे कि प्रिंटर ,प्लॉटर इत्यादि का उपयोग नेटवर्क से जुड़े अन्य कंप्यूटर या डिवाइस भी कर सकते हैं सरवर के प्रकार के हो सकते हैं जैसे:-

  I.File Server :- फाइल सर्वर की स्टोरेज क्षमता अत्याधिक होती है | इसमें कई हार्ड डिस्क , सीडी रोम ड्राइव CD-Rom Drive , टेप ड्राइव इत्यादि होते हैं फाइल सर्वर पर डाटा फाइल , डाटाबेस व प्रोग्राम होते हैं | LAN में जुड़े हुए सभी कंप्यूटर सर्वर पर भंडारीत सूचना प्रोग्राम को शेयर कर सकते हैं |
  
II.प्रिंट सर्वर:-
प्रिंट सर्वर में एक ही अधिक प्रिंटर जुड़े रहते हैं। LAN से जुड़े सभी कंप्यूटर प्रिंट सर्वर से जुड़े प्रिंटर का उपयोग प्रिंटिंग के लिए कर सकते हैं । जब भी यू कोई user एक प्रिंट का कार्य प्रारंभ करते हैं तो यह प्रिंट सर्वर की प्रिंट क्यु (queue) क्यों में जुड़ जाता है।

  III.प्रॉक्सी सर्वर :
जो सर्वर -client और अन्य सर्वर को जोड़ता है और प्रोक्सी सर्वर कहलाता है। क्लाइंट और अन्य सर्वर के मध्य स्थित सर्वर को प्रोक्सी सर्वर कहते हैं।

२.२ क्लाइंट :

यह एक कंप्यूटर का नोड होता है जो सर्वर की सेवाओं का प्रयोग करते हैं क्योंकि सरवर पर काफी सहायता उपलब्ध रहते हैं जैसे:- हार्ड डिस्क ,प्रिंटर ,प्लॉटर आदि । ईनका प्रयोग क्लाइंट द्वारा या अन्य नेटवर्क से जुड़े कंप्यूटर द्वारा किया जाता है ।



(पियर से पियर नेटवर्किंग की अवधारणा)Peer To Peer Networing Concepts :-

पियर से पियर नेटवर्क , पियर के बीच अपने कार्यों का वर्गीकरण करने वाले अनुप्रयोग आर्किटेक्चर होते है | ये नोडों को पियर से पियर तक जोड़ने वाले नेटवर्क का निर्माण करते है |
एक पियर अपने स्त्रोतों का वर्गीकरण करता है जैसे - प्रोसेसिंग शक्ति ,डिस्क स्टॉरिज नेटवर्क बैंड width , जो नेटवर्क के दूसरे सदस्य के लिए भी उपलब्ध होते है | इसके लिए केन्द्रीय सरवेर की आवश्यकता नहीं होती है |

Proxy Server:-

यह ऐसा सर्वर होता है जो रियल सर्वर एवं क्लाइंट application जैसे - वेब ब्राउजर के मध्य स्थापित रहता है |
यह रियल सर्वर को सारी रीक्वेस्ट दर्शाता है यदि स्वयं इसकी पूर्ति कर नहीं पता तो ये उस रीक्वेस्ट को रियल सर्वर पर पुनः भेज देता है |
प्रॉक्सी सर्वर के मुख्य दो उद्देश्य है -

1. निष्पादन मे वृद्धि ( Improvement in Performance):-

प्रॉक्सी सर्वर के समूह की निष्पादन मे वृद्धि करने मे सहायक होता है | क्युकी यह सारी रीक्वेस्ट का परिणाम कुछ समय के लिए स्टोर करता है एवं विश्लेषण से निष्पादन मे वृद्धि होती है | उदाहरण :- x यूजर ने एक वेबपेज के लिए रीक्वेस्ट की जिन्हे पेज 1 कहंगे | कुछ समय बाद y ने भी पेज 1 के लिए रीक्वेस्ट की y की रीक्वेस्ट www को भेजने के बजाय प्रॉक्सी सर्वर x के द्वारा खोले गए पेज को y तक भेज देगा | जिससे बहुत अधिक समय की बचत होगी | प्रॉक्सी सर्वर सैकरो यूजरों को एक साथ सपोर्ट कर सकता है |

2. Filter Request(Filter Request ):-

प्रॉक्सी सर्वर रीक्वेस्ट को फ़िल्टर करने के लिए भी प्रयुक्त किए जाते है | उदाहरण:- एक कंपनी अपने कर्मचारी को कुछ विशेष वेबसाइट को खोलने से बचाने के लिए भी प्रॉक्सी सर्वर का उपयोग करती है |

Firewall Proxy Server:-

फायरवाल प्रॉक्सी सर्वर दो प्रणाली के लिए मध्यवर्ती अनुप्रयोग की भांति कार्य करता है | यह सर्वर फायरवाल की ऐप्लकैशन लेयर पर कार्य करता है जहां कनेक्शन के दोनों किनारों को सेशन चलाने के लिए बाध्य किया जाता है |
एक फायरवाल प्रॉक्सी सर्वर को दो होस्ट के मध्य संग्रह करके दो पार्टी सेशन को चार पार्टी सेशन मे बदल सकते है क्युकी होस्ट एवं फायरवाल दोनों ऐप्लकैशन लेयर पर ही कार्य करते है |
     फायरवाल , SMPT- SIMPLE MAIL TRANSFER PROTOCOL , ईमेल के लिए प्रॉक्सी,वेब सुविधाओ के लिए हाइपर टेक्स्ट ट्रैन्स्फर प्रोटोकॉल(HTTP)प्रॉक्सी आदि को भी सपोर्ट करेगा | प्रॉक्सी सर्वर अंत नेटवर्क से बाह्य नेटवर्क तक जाने के एकल मार्ग विन्यास होता है | दूसरे शब्दों मे यदि कोई अंत यूजर किसी वेबसाइट को एक्सेस करना चाहता है तो रीक्वेस्ट से बने पैकेट को वेबसाइट पर भेजने के पूर्व http सर्वर पर प्रोसेस करता है और वेबसाइट से पैकेट अन्तः सर्वर तक जाने के पूर्व भी HTTP सर्वर के द्वारा प्रोसेस होते है | फायरवाल प्रॉक्सी सर्वर सारे अनुप्रयोग की प्रतिक्रियाओ को एकल सर्वर में केंद्रित कर देता है |

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