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नेटवर्क सुरक्षा क्या है || यह कैसे काम करता है ? || computer student || what is network security in hindi ||

Network Security

जानिए क्या है नेटवर्क सुरक्षा ?

नेटवर्क सुरक्षा (Network Security) का मतलब है किसी नेटवर्क और उसमें होने वाले डेटा आदान-प्रदान को अनधिकृत पहुँच, दुरुपयोग, संशोधन या हमला करने से बचाने की प्रक्रिया। इसमें विभिन्न प्रकार की तकनीकें, उपकरण और प्रक्रियाएँ शामिल होती हैं, जिनका उद्देश्य नेटवर्क और उसके संसाधनों को सुरक्षित रखना होता है।

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  7. नेटवर्क सुरक्षा के भाग निम्नलिखित है |

    नेटवर्क सुरक्षा के मुख्य पहलू निम्नलिखित हैं:-

    1. फ़ायरवॉल (Firewall):- यह नेटवर्क और बाहरी इंटरनेट के बीच एक बाधा के रूप में काम करता है और केवल वैध डेटा को नेटवर्क में प्रवेश करने की अनुमति देता है।
    2. एन्क्रिप्शन (Encryption):-डेटा को कोड में बदल दिया जाता है ताकि उसे केवल अधिकृत व्यक्ति ही पढ़ सकें।
    3. एन्टीवायरस सॉफ़्टवेयर (Antivirus Software):-
    4. आईपीएस/आईडीएस (IPS/IDS):-इनका काम नेटवर्क में होने वाली संदिग्ध गतिविधियों की पहचान करना और उसे रोकना है।
    5. वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN):- यह इंटरनेट पर एक सुरक्षित और निजी कनेक्शन बनाता है, ताकि आपका डेटा सुरक्षित रहे।


    नोट :- नेटवर्क सुरक्षा का उद्देश्य नेटवर्क को हैकिंग, वायरस, ट्रोजन, फ़िशिंग, और अन्य साइबर हमलों से बचाना होता है, जिससे आपका डेटा और नेटवर्क सुरक्षित रह सके।






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    नेटवर्क सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से समझाने के लिए, आइए उन श्रेणियों पर अधिक जानकारी प्राप्त करें जो ऊपर दी गई हैं:

    1. फ़ायरवॉल (Firewall)
      • फ़ायरवॉल एक सुरक्षा तंत्र है जो नेटवर्क के बीच एक बाधा (Barrier) के रूप में काम करता है। यह नेटवर्क और बाहरी इंटरनेट के बीच एक तरह का गेटवे (Gateway) होता है, जो केवल विश्वसनीय डेटा और कनेक्शनों को अंदर आने देता है।
      • कार्यप्रणाली: फ़ायरवॉल नियमों के आधार पर डेटा ट्रैफ़िक को फ़िल्टर करता है। उदाहरण के लिए, अगर कोई अनधिकृत कनेक्शन नेटवर्क में प्रवेश करने की कोशिश करता है, तो फ़ायरवॉल उसे ब्लॉक कर देता है।
      • प्रकार
        1. हार्डवेयर फ़ायरवॉल: यह एक भौतिक डिवाइस होता है।
        2. सॉफ़्टवेयर फ़ायरवॉल: यह कंप्यूटर या नेटवर्क डिवाइस पर इंस्टॉल किया गया एक प्रोग्राम होता है।
    2. एन्क्रिप्शन (Encryption)
      • एन्क्रिप्शन डेटा को एक कोड में बदलने की प्रक्रिया है ताकि उसे केवल अधिकृत व्यक्ति ही समझ सके।
      • उद्देश्य: अगर डेटा किसी अनधिकृत व्यक्ति के हाथ लग जाता है, तो वह उसे नहीं पढ़ पाएगा क्योंकि डेटा एक सुरक्षित कोड में होता है।
      • प्रकार
        1. सिंमेट्रिक एन्क्रिप्शन: इसमें एन्क्रिप्ट और डिक्रिप्ट करने के लिए एक ही कुंजी (Key) का उपयोग होता है।
        2. असिंमेट्रिक एन्क्रिप्शन: इसमें दो कुंजी का उपयोग होता है - एक सार्वजनिक कुंजी (Public Key) और एक निजी कुंजी (Private Key)।
    3. एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर (Antivirus Software)
      • एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर एक ऐसा प्रोग्राम है जो आपके सिस्टम या नेटवर्क में मौजूद वायरस, मैलवेयर, और अन्य खतरनाक प्रोग्राम्स का पता लगाकर उन्हें हटाने में मदद करता है।
      • प्रमुख कार्य: यह प्रोग्राम कंप्यूटर की लगातार स्कैनिंग करता है, संदिग्ध फाइलों या गतिविधियों की पहचान करता है, और उन्हें हटाने या आइसोलेट करने का प्रयास करता है।
      • उदाहरण: Norton, McAfee, Kaspersky।
    4. आईपीएस/आईडीएस (IPS/IDS)
      • आईपीएस (Intrusion Prevention System) और आईडीएस (Intrusion Detection System) वे प्रणालियाँ हैं जो नेटवर्क में घुसपैठ या संदिग्ध गतिविधियों की पहचान करती हैं।
      • आईडीएस: यह प्रणाली घुसपैठ का पता लगाती है और आपको अलर्ट करती है, लेकिन यह अपने आप किसी हमले को रोकती नहीं है।
      • आईपीएस :- यह प्रणाली हमले का पता लगाकर उसे रोकने का प्रयास करती है, जैसे कि हमलावर के कनेक्शन को बंद कर देना।
    5. वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN)
      • वीपीएन एक तकनीक है जो इंटरनेट पर एक सुरक्षित और गोपनीय कनेक्शन स्थापित करती है।
      • उद्देश्य: वीपीएन का उपयोग करते समय आपका डेटा एन्क्रिप्ट हो जाता है, जिससे उसे हैक करना कठिन हो जाता है। इसके अलावा, यह आपके इंटरनेट प्रोटोकॉल (IP) पते को छिपाता है, जिससे आपकी पहचान और स्थान सुरक्षित रहते हैं।
      • उपयोग:- आमतौर पर, वीपीएन का उपयोग सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क्स पर सुरक्षित रूप से इंटरनेट ब्राउज़िंग के लिए किया जाता है।



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