कंप्यूटर का इतिहास
कंप्यूटर का इतिहास: एक यात्रा
कंप्यूटर का इतिहास तकनीकी विकास और नवाचार की एक रोमांचक यात्रा है। यह यांत्रिक उपकरणों से शुरू होकर आधुनिक डिजिटल युग तक पहुंचा है। आइए, इसके विभिन्न चरणों और मुख्य घटनाओं पर नज़र डालें:
प्रारंभिक यांत्रिक कंप्यूटर
चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage)
- चार्ल्स बैबेज को "कंप्यूटर का पिता" कहा जाता है।
- "डिफरेंस इंजन" और "एनालिटिकल इंजन" का डिजाइन तैयार किया।
एडा लवलेस (Ada Lovelace)
एडा लवलेस ने बैबेज के एनालिटिकल इंजन के लिए पहला कंप्यूटर प्रोग्राम लिखा, और उन्हें दुनिया की पहली प्रोग्रामर माना जाता है।

पहली पीढ़ी: वैक्यूम ट्यूब आधारित (1940-1956)
- इस समय कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब का उपयोग किया गया।
- ENIAC: पहला इलेक्ट्रॉनिक जनरल-पर्पस कंप्यूटर।
- कंप्यूटर भारी, महंगे और ऊर्जा-गहन थे।
दूसरी पीढ़ी: ट्रांजिस्टर आधारित (1956-1963)
- ट्रांजिस्टर ने कंप्यूटर को तेज़ और सस्ता बनाया।
- आकार छोटा हुआ, और बिजली की खपत कम हुई।
- COBOL और FORTRAN जैसी प्रोग्रामिंग भाषाओं का विकास हुआ।
तीसरी पीढ़ी: इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) आधारित (1964-1971)
- इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) के उपयोग से कंप्यूटर तेज़ और भरोसेमंद बने।
- की-बोर्ड और मॉनिटर का उपयोग शुरू हुआ।
- उपयोगकर्ता इंटरफ़ेस में सुधार हुआ।
चौथी पीढ़ी: माइक्रोप्रोसेसर आधारित (1971-वर्तमान)
- माइक्रोप्रोसेसर ने पर्सनल कंप्यूटर (PC) को संभव बनाया।
- IBM PC (1981): पर्सनल कंप्यूटर को लोकप्रिय बनाया।
- 1990 के दशक में इंटरनेट का विकास।
पाँचवीं पीढ़ी: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित
- आधुनिक कंप्यूटर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग से लैस हैं।
- सुपर कंप्यूटर: भारत का "परम", चीन का "सुनवे ताइहुलाइट"।
- रोबोटिक्स, डेटा एनालिटिक्स, और स्वचालन में उन्नति।