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परिभाषा
एनालॉग कंप्यूटर एक प्रकार का कंप्यूटर है जो अनालॉग डेटा और संकेतों को प्रोसेस करने में उपयोग होता है। यह कंप्यूटर अनुक्रमिक वोल्टेज, प्रवाह, या अन्य वाणिज्यिक संज्ञाना के आधार पर कार्य करता है। एनालॉग कंप्यूटर वाणिज्यिक गणनाओं, प्रॉडक्ट डिज़ाइन, विज्ञानिक अनुसंधान, और अन्य क्षेत्रों में उपयोग होते हैं जहाँ अनुक्रमिक संज्ञाना की आवश्यकता होती है।
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परिचय
एनालॉग कंप्यूटर एक प्रकार का कंप्यूटर है जो वाणिज्यिक संज्ञाना के आधार पर गणनाएँ करता है। इसका उपयोग अनालॉग सिग्नल्स और वाणिज्यिक डेटा को प्रोसेस करने के लिए किया जाता है, जैसे कि अनुक्रमिक वोल्टेज, प्रवाह, या अन्य वाणिज्यिक पैरामीटर्स। इसके द्वारा विभिन्न प्रकार की गणनाएँ की जाती हैं, जिनमें वाणिज्यिक संज्ञाना को आदर्श और निरंतर संज्ञानात्मक मानों में बदला जाता है। एनालॉग कंप्यूटर वाणिज्यिक मॉडलिंग, सिमुलेशन, प्रॉडक्ट डिज़ाइन, और अन्य क्षेत्रों में प्रयोग होता है, जहाँ अनुक्रमिक संज्ञाना की आवश्यकता होती है।
अनालॉग कंप्यूटर का इतिहास
अनालॉग कंप्यूटर का इतिहास बहुत पुराने समय से ही है, जब मानव ने गणना और अनुक्रमिक संज्ञाना के लिए यांत्रिक उपकरण बनाने की शुरुआत की। यहां एक संक्षिप्त अनालॉग कंप्यूटर के इतिहास की परिकल्पना की गई है:
- अधिक प्राचीन युग::-वाणिज्यिक गणना और अनुक्रमिक संज्ञाना के लिए प्राचीन समय में अनालॉग उपकरणों का उपयोग किया जाता था।
उदाहरणस्वरूप, सूर्य के स्थान और समय की गणना के लिए सूर्य दिशा यंत्र (सुंदिया) बनाया गया था। - माध्यकालीन काल:-माध्यकालीन युग में भी वैज्ञानिक और गणितज्ञ लोग वाणिज्यिक गणना के लिए घड़ियाँ, जलमानक, और अन्य उपकरणों का उपयोग करते थे।
- 19वीं सदी :-इंडस्ट्रियल युग के आगमन के साथ, गणना और अनुक्रमिक संज्ञाना के लिए उपकरणों की नई प्रौद्योगिकियाँ विकसित होने लगीं। इस समय अनालॉग कंप्यूटर्स का पहला प्रारंभ हुआ।
- 20वीं सदी :-बड़े और जटिल गणनाओं के लिए अनालॉग कंप्यूटर्स का विकास तेजी से हुआ। विज्ञान और अभियांत्रिकी के क्षेत्र में इनका उपयोग अधिक होने लगा।
- आधुनिक काल :-डिजिटल कंप्यूटर्स के विकास के साथ, अनालॉग कंप्यूटर्स का प्रयोग धीरे-धीरे कम होने लगा। हालांकि कुछ खास कार्यों में उनका उपयोग आज भी होता है, जैसे कि आवाज़ी संवादना, तापमान नियंत्रण, आदि।
एनालॉग कंप्यूटर के प्रकार
एनालॉग कंप्यूटर के विभिन्न प्रकार निम्नलिखित हो सकते हैं:-
एनालॉग कंप्यूटर का उपयोग
एनालॉग कंप्यूटर के विभिन्न उपयोग निम्नलिखित हो सकते हैं:-
- वैज्ञानिक अनुसंधान:-एनालॉग कंप्यूटर का उपयोग विज्ञानिक अनुसंधान में बहुतायत किया जाता है, जैसे कि विमान डिज़ाइन, अंतरिक्ष अनुसंधान, मॉडलिंग और सिमुलेशन, और अन्य विज्ञानिक क्षेत्रों में।
- प्रॉडक्ट डिज़ाइन:-उत्पाद की डिज़ाइन और विकास में एनालॉग कंप्यूटर का उपयोग होता है, जैसे कि वाणिज्यिक विद्युत उपकरण डिज़ाइन, उपकरण संरचना, और अन्य उद्देश्यों के लिए।
- तापमान नियंत्रण:-एनालॉग कंप्यूटर तापमान नियंत्रण में भी उपयोग होता है, जैसे कि उद्योगिक प्रक्रियाओं में तापमान की निगरानी, तापमान नियंत्रण, और उत्पादन प्रक्रियाओं की निगरानी के लिए।
एनालॉग कंप्यूटर के लाभ :-
- वाणिज्यिक गणना का सुगम: एनालॉग कंप्यूटर वाणिज्यिक संज्ञानाओं की गणना को सुगम और तेज़ बनाते हैं। वे अनुक्रमिक संज्ञानाओं को समर्थन करने में मदद करते हैं जैसे कि तापमान, दबाव, वेग, आदि की गणना।
- अनुक्रमिक संज्ञाना का समर्थन: एनालॉग कंप्यूटर विभिन्न अनुक्रमिक संज्ञानाओं का समर्थन करने में मदद करते हैं जैसे कि अनुक्रमिक प्रवाह विश्लेषण, अनुक्रमिक प्रक्रियाओं की गणना, और अन्य।
- प्रॉडक्ट डिज़ाइन में मदद: एनालॉग कंप्यूटर उत्पाद डिज़ाइन में उपयोगी होते हैं, जैसे कि वाणिज्यिक उपकरण डिज़ाइन, संरचना डिज़ाइन, और अन्य डिज़ाइन प्रक्रियाएं।
- उत्पादन प्रक्रिया में निगरानी: इन कंप्यूटर्स का उपयोग उत्पादन प्रक्रिया की निगरानी और नियंत्रण में किया जा सकता है, जैसे कि तापमान, दबाव, और अन्य पैरामीटर्स की निगरानी के लिए।
- संशोधन और अनुसंधान: एनालॉग कंप्यूटर विज्ञानिक अनुसंधान और अनुसंधान के लिए महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि वे अनुक्रमिक प्रक्रियाओं को समर्थन कर सकते हैं और विभिन्न विज्ञानिक परियोजनाओं में मदद कर सकते हैं।
एनालॉग कंप्यूटर के नुकसान
- प्रेसिजन लैक्क प्रॉब्लम: एनालॉग कंप्यूटर प्रेसिजन में कई बार कमजोर होते हैं, क्योंकि उनमें अद्यतन और पॉइंट ऑफ़ फ़ेलर की समस्या होती है। यह किसी भी गणना की लागत में परिणामित हो सकता है।
- डिजिटल प्रोसेसिंग की कमी: एनालॉग कंप्यूटर डिजिटल प्रोसेसिंग की तुलना में कम संवेदनशील होते हैं, जिससे उन्हें डिजिटल कंप्यूटर के तरीकों से उत्तराधिकारी और तेज़ प्रोसेसिंग की कमी होती है।
- डिजिटल डेटा स्टोरेज की कमी: एनालॉग कंप्यूटर डिजिटल डेटा स्टोरेज में कम माहित होते हैं, जिसके कारण डेटा को सहेजने और प्रोसेस करने में सीमाएं हो सकती हैं।
- सूचना प्रसंस्करण की कठिनाइयां: एनालॉग कंप्यूटर में सूचना को प्रोसेस करने में कई बार जटिलताएं आ सकती हैं, जैसे कि अनुक्रमिक संज्ञानाओं की प्रसंस्करण की कठिनाइयां।
- टेक्नोलॉजी के पिछड़ना: एनालॉग कंप्यूटर की तुलना में डिजिटल कंप्यूटर की तकनीक में आगे की उन्नतियों की कमी हो सकती है, जिससे उनका टेक्नोलॉजी के पिछड़ने का खतरा होता है।
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